बुधवार, 10 दिसंबर 2008

इन्टरनेट पर साइबर सेक्स स्वस्थ जीवन के लिए खतरनाक!!!

एक तोते को रटाया जा रहा था- शिकारी आएगा...जाल बिछायेगा...दाना डालेगा...तुम उसमें फँसना नहीं... तोते ने तो रट लिया मगर व्यावहारिक ज्ञान न होने के चलते जाल में फंस गया और तब भी वह रट लगा रहा था-शिकारी आएगा........
आज दुनिया भर के लोगों को फंसाने के लिए जाल बुने जा चुके हैं. बच्चे, युवा और बूढे सभी इसकी गिरफ्त में निरंतर फंसते चले जा रहे हैं और दूर-दूर तक इससे निकलने की संभावना नजर नहीं आ रही. ये जाल से निकलना भी क्यों चाहेंगे जब इन्हें सेक्स चैटिंग और सेक्स वेबसाइट्स का दाना चुगने में मज़ा जो आने लगा है.
जी हाँ! हम www यानी वर्ल्ड वाइड वेब यानी विश्वव्यापी जाल की बात कर रहे हैं। देश के नौनिहाल इन्टरनेट के जाल में फंसकर अपना भविष्य धूमिल कर रहे हैं। वे इन्टरनेट पर सेक्स चैटिंग और अश्लील वेबसाइट्स की सर्फिंग कर रहे हैं. ब्रिन्तैन में एक सर्वेक्षण से पता चला है के हर दसवां बच्चा सेक्स चैटिंग अवश्य करता है. यह सर्वेक्षण साफ इशारा करता है के बच्चों के सामाजिक जीवन मूल्य ग़लत दिशा में जा रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIHL) और कैलिफोर्निया पैसिफिक मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने 1980 से अब तक की 173 स्टडी रिपोर्टों के व्यापक आकलन के आधार पर निष्कर्ष निकाला है की टीवी, कंप्यूटर और इन्टरनेट बच्चों को धूम्रपान की लत एवं यौन गतिविधियों में भी संलिप्त करने में मुख्य रूप से सहायक साबित हो रहे हैं. कई मनो चिकित्सक इन्टरनेट की लत को एक तरह की मनोदैहिक रोग बता रहे हैं. उनका कहना है की इससे लोगों की सहनशीलता कम हो जाती है और उत्तेजना बढ़ जाती है. निर्णय लेने की उसकी क्षमता घाट जाती है और वह समाज से काटकर जीने लगता है. इन्टरनेट अधिक उपयोग करने वाले लोगों के बीच कराये गये अध्ययनों से पता चला है कि लोग इन्टरनेट के चलते सेक्स एडिक्शन एवं सेक्स एनोरेक्सिया जैसी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।
सेक्स एडिक्शन से ग्रस्त व्यक्ति बच्चों और महिलाओं से छेड़छाड़, व्यभिचार और बलात्कार जैसे कुकृत्यों में भी लगे हो सकते हैं. वहीँ सेक्स एनोरेक्सिया का शिकार व्यक्ति अपने जीवन में मानसिक-शारीरिक स्तर पर यौन इच्छाओं और यौन संबंधों से परहेज करने लगता है.
किन्सी इंस्टीच्युट फॉर रिसर्च इन सेक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन की निदेशक जूलिया हीमैन ने नेट प्रेरित एकल सेक्स प्रक्रिया को ज्यादा चिंताजनक बताया है। अमेरिका के सेक्स विशेषज्ञों के विचार में साइबर सेक्स सामाजिक रूप से व्यर्थ और हिंसक संस्कृति उत्पन्न करने का माध्यम है.
एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार इन्टरनेट उपयोगकर्ताओं में अमेरिका का स्थान पूरे विश्व में पहला और भारत का दसवां स्थान है. अमेरिका में यौन समस्याओं और यौन अपराधों में तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है. आने वाले समय में भारत जैसे विश्व के दूसरी बड़ी जनसँख्या वाले देश के युवाओं पर इन्टरनेट का दुष्प्रभाव और भयानक हो सकता है. इसलिए देश की सरकार और आमलोगों को जागरूक होने की जरुरत है.