*होशोहवास/HOSHOHAWAS*
होश है तो जिंदगानी है...वरना सब कुछ बेईमानी है...
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मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर व इन्टरनेट स्वस्थ जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है....."क्या आप जिंदा हैं?" (संस्था)
रविवार, 6 दिसंबर 2009
क्यों दहल रही है दिल, देश और दुनिया???
अपने मुन्ना-मुन्नी को खिलौने वाला बन्दूक देना
बचपन से ही टीवी और
सिनेमा पर
हिंसात्मक दृश्य दिखलाने की आदत डालना
अख़बारों में निरंतर नकारात्मक खबरें पढ़ते रहना
दिवाली, शादी और अन्य अवसरों पर बम पटाखे छोड़ने की डालना
और इस तरह बच्चे बन जाते हैं…
एक खतरनाक अपराधी…
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