शनिवार, 22 नवंबर 2008

आपका घर : अपराध का पाठशाला???

अपने मुन्ना-मुन्नी को
खिलौने वाला बन्दूक खरीदकर देना

बचपन से ही टीवी और सिनेमा पर
हिंसात्मक दृश्य दिखलाने की आदत डालना
अख़बारों में निरंतर नकारात्मक खबरें पढ़ते रहना





दिवाली और अन्य अवसरों पर बम पटाखे छोड़ने की आदत डलवाना
और इस तरह आपके बच्चे बन जाते हैं…

एक खतरनाक अपराधी…

क्या आप होश में हैं?

शुक्रवार, 21 नवंबर 2008

बेहोशी की नई दवा: क्या आपको मालूम?

एक ज़माना था

जब किसी को कुछ पल के लिएबेहोश करने के

लिएक्लोरोफार्म सुंघाया जाता था…


फिर एक ज़माना आया…
जब कुछ घंटों के लिए किसी को
बेहोश करने के लिए ….नशीली दवा और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाने लगा…..


…और एक ज़माना यह है…
न क्लोरोफार्म…न दवा …न कोई इंजेक्शन…
अब किसी को बेहोश करने के लिए चाहिए
बस एक टेलिविज़न …..
सिनेमा, सीरियल या फिर क्रिकेट दिखाते रहिये
वे घंटे दो घंटे नहीं…सालों बेहोश रह सकते हैं….