प्रिय साथियों! वेलेंटाइन डे के नाम पर आज के युवक और युवतियां और स्त्री-पुरुष क्षणिक दैहिक आकर्षण में पड़कर अपना और देश-समाज का जो नुकसान कर रहे हैं वो किसी से छुपी नहीं है। आज के अखबार और पत्रिकाओं में आज के तथाकथित प्रेमी-प्रेमिकाओं की हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, यौन-शोषण की ख़बरें छाई रहती हैं। आज के अखबार और पत्रिकाएं तथा मोबाइल और सिम कम्पनियां भी देश के युवाओं को इसी प्रेम-जाल में फंसाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इन सब का नतीजा आप खुद देखें इन अखबार की कतरनों में....
Valentines day पर एक व्यंग्य, मेरे ब्लॉग पर:
जवाब देंहटाएंhttp://draashu.blogspot.com/2010/02/blog-post_12.html
सही है !!
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