एक ज़माना था …
जब किसी को कुछ पल के लिए
बेहोश करने के
लिएक्लोरोफार्म सुंघाया जाता था…
फिर एक ज़माना आया…
जब कुछ घंटों के लिए
किसी कोबेहोश करने के लिए …
नशीली दवा और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाने लगा…..
…और एक ज़माना यह है…
न क्लोरोफार्म…न दवा …न कोई इंजेक्शन…
अब किसी को बेहोश करने के लिए चाहिए
बस एक टेलिविज़न …..
सिनेमा, सीरियल या फिर क्रिकेट दिखाते रहिये
वे घंटे दो घंटे नहीं…
सालों बेहोश रह सकते हैं….
इन दिनों बेहोश होने के लिए हम स्लमडॉग को सूंघ रहे हैं।
जवाब देंहटाएंभई बहुत ज़ोरदार है, तालियाँ।
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गुलाबी कोंपलें
सही कहा!
जवाब देंहटाएंऔर इंटरनेट के लिए कुछ नहीं कहना .... क्योंकि इसका प्रयोग आप करते हैं।
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