बधाई दें उस नेता को
जो चुनाव में खड़ा होकर
कलियुगी कृष्ण बन
भोली-भाली जनता को
गीता उपदेश दे रहे हैं।
बधाई दें उस नेता को
जो मुकुट रूपी टोपी पहन कर
साक्षात नवकुबेर बन
घर-घर वोटों की भीख मांग रहे हैं।
बधाई दें उस नेता को
जो नए-नए आश्वासन देकर
कलियुगी मोहन बन
अपने मायाजाल में सबको
सम्मोहित कर रहे हैं।
बधाई दें उस नेता को
जो जनता की फरियाद अनसुनी कर
वंशी बजैया बन
मंत्री की कुर्सी पर विराजमान
चैन की वंशी बजा रहे हैं।
बधाई दें उस नेता को
जो मंत्री की कुर्सी पर बैठ
घोटाला का महानायक बन
नित्य नए-नए घोटाले कर
धन-संपत्ति की ढेर लगा रहे हैं।
बहुत सही बात कह दी रचना में
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तख़लीक़-ए-नज़र