शनिवार, 11 अप्रैल 2009

इसे कहते हैं होशोहवास में रहना!!!

प्रिय मित्रों! एक आसान सा सवाल है---भारत की राजधानी कहाँ है? चलिए सवाल को और आसान बना देते हैं इसके चार विकल्प सुझाकर--


१---मुंबई २---चेन्नई ३---kolkata ४---हैदराबाद


अब तो जवाब बताना आसान हो गया होगा! क्या कहा, अब भी मुश्किल हो रही है। क्यों? क्योंकि---इसमे कोई सही विकल्प नहीं हैं...क्यों ठीक है न... ...और अगर कोई इसमे से विकल्प चुनने की हिम्मत दिखाता है तो वह बेवकूफ ही बनेगा। क्या यही नहीं हो रहा हर चुनाव में??? क्या हम जिसे अपना मत प्रदान कर रहे हैं, उसने हमारी सुध ली। क्या कोई भी उम्मीदवार चरित्रवान, कर्मठ, समाजसेवी और देशभक्त हैं??? फिर अपना मत किसे और क्यों दिया जाय??? क्या हम होशोहवास में हैं???


बिहार के बक्सर के अताँव पंचायत के ५० हजार लोग इस चुनाव में अपना वोट नहीं देंगे। उनका नारा है--रोड नहीं तो वोट नहीं। लोग सुबह से ही नेताओं का इंतज़ार करते हैं। बूढे और जवान से लेकरl महिलायें और बच्चे तक नेताओं को khadedne के लिए लाठी-डंडे लेकर पहरेदारी कर रहे हैं। इनका कहना है वोट बहिष्कार के बाद भी अगर रोड नहीं बना तो हमलोग टेक्स देना भी बंद कर देंगे। सवाल है की अगर ऐसा पूरे देश में हो गया तो देश की राजनीति और नेता-मंत्री का क्या होगा?????
पढिये ख़ुद ही हिन्दुस्तान में प्रकाशित अखबार की यह कतरन----


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