होश है तो जिंदगानी है...वरना सब कुछ बेईमानी है...
सही !प्यार करो लेकिनसारी मानवता से करो, पर्यावरण से करो, समझदारी से करो, लुप्त होते जीवों से करो, जी-ज्जन से परिश्रम करने वालों (किन्तु आधे पेट खाने वालों) से करो, उर्जा के संरक्षण से करो .....
bilkul sahi kaha aaj kal piar ka matlav hi bache nahi jaante
प्रेम जब समर्पण की जगह जनून बन जाए तो यह बीमारी ही बन जाता है। अच्छी विचारणीय पोस्ट है।
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सही !
जवाब देंहटाएंप्यार करो लेकिन
सारी मानवता से करो, पर्यावरण से करो, समझदारी से करो, लुप्त होते जीवों से करो, जी-ज्जन से परिश्रम करने वालों (किन्तु आधे पेट खाने वालों) से करो, उर्जा के संरक्षण से करो .....
bilkul sahi kaha aaj kal piar ka matlav hi bache nahi jaante
जवाब देंहटाएंप्रेम जब समर्पण की जगह जनून बन जाए तो यह बीमारी ही बन जाता है। अच्छी विचारणीय पोस्ट है।
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